रागिनी विश्वकर्मा ( Ragini Vishwakarma) एक उभरती हुई भोजपुरी गायिका हैं, जिन्होंने अपनी गायन यात्रा में बहुत सफलता हासिल की है। रागिनी का एक गाना हाल ही में बेहद वायरल हुआ है,“दीदिया क देवरा” (Didiya K Devra) जिसे यो-यो हनी सिंह के गाने से जोड़ा गया था। इस गाने ने रागिनी को रातों-रात भोजपुरी सिनेमा का स्टार बना दिया। और भोजपुरी इंडस्ट्री में एक स्टार बन गईं। रागिनी के कई गाने वाइरल हुये है,केलिन इस गाने के कारण रागिनी की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ी। उनके गानों की एक खासियत यह है कि वे ग्रामीण परिवेश से जुड़ी हुईं और उनके गाने आम लोगों को खूब पसंद आता हैं, आइए जानते हैं रागिनी विश्वकर्मा के बारे में पूरी जानकारी, कि कैसे वह इस गाने से रातों-रात भोजपुरी स्टार बन गईं।
यो यो हानी सिंह मेनियाक( YO YO Honey Singh Maniac Song)

हाल ही में रिलीज हुआ मशहूर पंजाबी रैपर यो यो हनी सिंह का न्यू सॉन्ग मेनियाक(Maniac) जो इंटरनेट पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है जिसमें बॉलीवुड की एक्ट्रेस ईशा गुप्ता भी नजर आ रही हैं पंजाबी गाने में भोजपुरी का तड़का लोगों को खूब भा रहा है इस गाने में भोजपुरी की जो लाइन है “दिदिया के देवरा चढ़वले बाटे नजरी” यूपी बिहार के पारंपरिक लोकगीत है जो इस हिस्से को लोग खूब पसंद कर रहे हैं और सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर शेयर कर रहे हैं जिस हिस्से को रागीनी विश्वकर्मा ने गाया है।
कौन है रागिनी विश्वकर्मा?
रागिनी विश्वकर्मा एक भोजपुरी गायिका हैं,उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखती हैं उनके परिवार के सभी लोग मंदिरो और सड़कों पर ढोलक और हारमोनियम बजाकर गाना गाते है,रागिनी शादी-मुंडन में अन्य आयोजनों में गाना गाती हैं,रागिनी अवधि,भोजपुरी,सोहर,गारी लोकगीत गाती हैं,जो उत्तर प्रेदेश और बिहार में काफी पसंद किया जाता हैं रागिनी पवन सिंह,खेसारी लाल यादव के गाये हुये गाने को गाया गाती थी, लॉकडाउन के बाद रागिनी का हारमोनियम पर गाया हुआ पहला एक गाना “पंखा कूलर से ना गरमी ई जाला” ये गाना खूब वाइरल हुआ था। रागिनी का ये पहला गाना वायरल हुआ था जो खूब पसंद किया गया इस गाने से 10 मिलियन के लगभग व्युज मिले थे रागिनी पवन जी के गाना गा के और खेसारी जी के गाना गा के ढोलक हारमोनियम से सोशल मीडिया पर आ गई थी और जब वायरल हुई बाद में अपना खुद का गाना गाने लगी।
रागिनी का एक और दूसरा गाना भी वायरल हुआ था मछली वाला
“मछली के जैसे तड़पे जवानी
रऊआ से पिया हम साच कहा तानी”
“छोडी आवा जलदी से टाटा ए राजा
चाटा ता जवानी तेल चाटा ए राजा”
रागिनी विश्वकर्मा और हनी सिंह से कैसे हुई मुलाक़ात
मीडिया रिपोर्ट के मुताबित रागिनी ने बताया की मुंबई से आया था एक कॉल विनोद वर्मा जी का, दिवाकर शर्मा जी के पास जो रागिनी के सर जी है उन्हें बोला गया कि मुझे भोजपुरी गाना चाहिए और बच्ची के साथ चाहिए, उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि उन्हें बॉलीवुड से ऑफर आ रहा है गाना गाने के लिए ,क्यो की अभी तक भोजपुरी में तो गाया ही नहीं है इसलिए नहीं होगा कुछ और हो सकता है लोग मजाक उड़ाएंगे उन्होंने बोला की सच में आपको गवाना है रागिनी उस वक्त गोरखपुर में थी रागिनी के सर ने बनारस बुलाया और विनोद वर्मा जी आए गाना वहीं पर लिखाया गया
“दिदिया के देवरा चढ़वले बाटे नजरि
चोली के चिजुइया चिखल चाहे जबरी”
वहीं पर गवाया गया तब भी रागिनी को नहीं पता था कि हनी पाजी के साथ मुझे मौका मिलेगा गाना गाने के लिए उन्होने कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि बॉलीवुड में गाने के लिए मौका मिलेगा दूर-दूर तक सपना में भी नहीं था कि कभी भी बॉलीवुड मै जाऊंगी।
इसके पहले भोजपुरी एक्टर और सिंगर खेसारी लाल यादव भी उन्हें गाना साथ में गवाने का वादा कर चुके हैं लेकिन अभी तक मौका नही मिला हनी सिंह ने रागिनी विश्वकर्मा को अपने एल्बम में ब्रेक देकर रातों-रात स्टार बना दिया।
रागिनी विश्वकर्मा का संघर्ष भरा जीवन

रागिनी विश्वकर्मा के जीवन कि कहानी मिडिया रिर्पोट के मुताबिक बहुत ही संघर्षपूर्ण रहा वह बताती हैं कि उनका बचपन झोपड़ी (जिसे गाँव मे मड़हा के नाम से भी जाना जाता है) होता है तम्मू यहां से संघर्ष का सफर सुरु हुआ रागिनी बताती है की उनके मम्मी-पापा सुरु से ही ढोलक,हारमोनिया से गाया बजाया करते थे शहरों में, गावों में और बाजारों में जा कर के गा बाजा कर जो पैसा मिलता था उस पैसे से हम लोगों को पाल पोस के बड़ा किया, उसके बाद हम लोग भी गाने लगे गोरखपुर से 25 किलोमीटर दूर एक तर्कुलहा माँ का मंदिर है वहीं पर बहुत सारा भीड़ लगता है, मुंडन आता है शादी है, विवाह है हर चीज आता है वहीं पर हम लोग “ढोलक,हारमोनियम” से गाते हैं बजाते हैं वही से जो पैसा 100, 200 मिलता था, उससे हम लोग अपना जीवन यापन करते थे उससे ही हमारा घर चलता था।
रागिनी विश्वकर्मा सफलता का श्रेय
रागिनी NDTV पर दिए एक इंटरव्यू में बताया कि चार साल लगा इस लाईन में आए सबसे जड़ा योगदान दिवाकर शर्मा का हैं, मेरे उपर उन्होंने कृपा बरसाई आज जो भी हूं हमारे मम्मी पापा बहुत सपोर्ट किया अगर वह इजाजत नहीं देते तो मैं इस लाइन में हो सकता था कि नहीं आती, उसके बाद उन लोगों को छोड़ के आज मैं जो भी हूं दिवाकर शर्मा जी से हूं जो अनुराग एंटरटेनमेंट के मालिक है। रोड़ पर गाती थीं ढोलक, हारमुनियम से और उन्होंने रोड से मुझे यहां तक पहुंचा उनका कोटि-कोटि धन्यवाद करती हूं और रोड़ से यहां तक आई बहुत बदलाव देखी जनता पब्लिक का इतना प्यार सपोर्ट हैं की मरते दम तक नहीं भूल पाऊंगी। आप लोगों ने मुझे जो दिया है।